Mahatma Gandhi University of Medical Sciences and Technology, Jaipur, was allowed to make cancer vaccine from the Government of India

इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर कैंसर इम्यूनोथेरेपी के निदेशक डॉ. अनिल सूरी के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में देश के 14 राज्यों से 22 प्रतिष्ठित संस्थानों के कैंसर शोधकर्ता और 9 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हुए।
डेंड्रिटिक सेल वैक्सीन:
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के संस्थापक डॉ. एम.एल. स्वर्णकार ने जानकारी दी कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने डेंड्रिटिक सेल वैक्सीन बनाने की प्रथम स्तर की अनुमति प्रदान की है। इस वैक्सीन से गॉल ब्लैडर, हेड एंड नेक, और ओवेरियन कैंसर के इलाज में सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।
कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण का महत्व:
डॉ. स्वर्णकार ने बताया कि तंबाकू, सिगरेट, शराब, रेडिएशन एक्सपोजर और कुछ वायरस कैंसर के प्रमुख कारण हैं। विशेष रूप से, ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) से सर्वाइकल कैंसर और हेपेटाइटिस ए व बी से लिवर कैंसर होने का खतरा रहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को हेपेटाइटिस और बच्चियों को एचपीवी वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए, ताकि वे इस गंभीर बीमारी से बच सकें।
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की यह उपलब्धि कैंसर के उपचार में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में कैंसर मरीजों के लिए नई उम्मीदें जगाएगी। इस तरह के नवाचारों से चिकित्सा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे और मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।
कॉन्फ्रेंस में विशेष चर्चा:
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन, प्रो. रॉबर्ट क्लार्क, डॉ. नीना भारद्वाज, डॉ. गोपाल सी. कुंडू, डॉ. लीना हिलाकिवी-क्लार्क, डॉ. माधुरी लोणिकर, डॉ. दिनेश यादव, डॉ. दमन सलूजा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. शिखा ढल, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. अपर्णा गर्ग, डॉ. मधु चोपड़ा सहित कई अन्य विशेषज्ञों ने अपने कैंसर रिसर्च और अनुभव साझा किए। विशेष सत्र में डॉ. हेमंत मल्होत्रा, प्रो. वी.के. कपूर और प्रो. (डॉ.) दुर्गातोष पांडे ने कैंसर रिसर्च से जुड़े नए पहलुओं पर चर्चा की।