मकर संक्रांति के दौरान कर्नाटक में बैल के हमले से तीन लोग घायल, पारंपरिक खेल के चलते हादसा

कर्नाटक के मंड्या जिले के होसाहल्ली गांव में मकर संक्रांति के अवसर पर एक पारंपरिक खेल के दौरान बेकाबू बैल ने तीन लोगों को टक्कर मार दी। इस पारंपरिक खेल के दौरान गायों और बैलों को आग के घेरों से गुजारा जाता है। तभी एक बैल बेकाबू हो गया और आग के घेरे से निकलने के बाद भागते हुए उसने तीन लोगों को टक्कर मार कर नीचे गिरा दिया।
परंपरा का आयोजन क्षेत्रीय स्तर पर होता है और यह एक जश्न के रूप में मनाया जाता है, जिसमें ग्रामीण समुदाय हिस्सा लेते हैं और यह खेल कई पीढ़ियों से चला आ रहा है और स्थानीय लोगों के लिए यह एक अहम सांस्कृतिक विरासत बन चुका है।
'किच्चु हैसुवुडु' परंपरा: आग से गुजरते मवेशी
यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जिसे गांववाले मानते हैं कि इससे मवेशियों की चमड़ी में लगे कीड़े मर जाते हैं और वे स्वस्थ रहते हैं। इस खेल में मवेशियों को आग से गुजरने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, और इसके दौरान वे जलते हुए अंगारों से गुजरते हैं। यह परंपरा मवेशियों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के विश्वास से जुड़ी हुई है, और यह कर्नाटकी ग्रामीण जीवन का एक अहम हिस्सा है।परंपरा का आयोजन क्षेत्रीय स्तर पर होता है और यह एक जश्न के रूप में मनाया जाता है, जिसमें ग्रामीण समुदाय हिस्सा लेते हैं और यह खेल कई पीढ़ियों से चला आ रहा है और स्थानीय लोगों के लिए यह एक अहम सांस्कृतिक विरासत बन चुका है।