आज़ाद हुए 15 भारतीय मछुआरे, वतन वापसी: श्रीलंका
समुद्री सीमा उल्लंघन
समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोपों में श्रीलंका की जेलों में बंद रहे तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के 15 मछुआरों की सुरक्षित वतन वापसी हो गई है। यह खबर न केवल उनके परिजनों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, बल्कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रहे मछुआरों के मुद्दे पर कूटनीतिक प्रयासों की सफलता को भी दर्शाती है। थंगचीमदम और रामेश्वरम क्षेत्रों से संबंध रखने वाले ये मछुआरे चेन्नई पहुँच चुके हैं, जहाँ मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
तमिलनाडु के रामनाथपुरम
जिले के 15 मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के कथित उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। हिरासत में लिए गए ये मछुआरे अंततः रिहा हो गए हैं। ये सभी मछुआरे अब सुरक्षित रूप से देश लौट आए हैं, जिससे उनके परिवारों और तटीय समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है।
जलडमरूमध्य विवादित समुद्री क्षेत्र
यह पूरा घटनाक्रम पाक जलडमरूमध्य (Palk Strait) के विवादित समुद्री क्षेत्र से जुड़ा है। मछुआरों को श्रीलंका की विभिन्न जेलों में रखा गया था। रिहाई की औपचारिकताएं कोलंबो में पूरी की गईं, जिसके बाद उन्हें हवाई मार्ग से भारत के चेन्नई हवाई अड्डे पर लाया गया।
कोलंबो से चेन्नई हवाई अड्डे
इन मछुआरों को पिछले कुछ महीनों के दौरान, विभिन्न समयों पर गिरफ्तार किया गया था। उनकी रिहाई कूटनीतिक बातचीत और श्रीलंकाई अदालतों के आदेश के बाद संभव हुई। रिहा होने के बाद, इन मछुआरों ने हाल ही में कोलंबो से उड़ान भरी और चेन्नई हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से पहुंचे।
केंद्रीय विदेश मंत्रालय
मछुआरों की सुरक्षित वापसी भारत सरकार और श्रीलंका में भारतीय दूतावास के लगातार किए गए राजनयिक प्रयासों का परिणाम है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी इस संबंध में केंद्रीय विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। कूटनीतिक दबाव के बाद, श्रीलंकाई अदालत ने उनकी रिहाई का आदेश दिया, जिसके बाद दूतावास ने उनके लिए आपातकालीन यात्रा दस्तावेज़ और वापसी की उड़ान का प्रबंध किया।
देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध
मछुआरों की यह वापसी, दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। रिहाई के बाद, तमिलनाडु मत्स्य विभाग ने उन्हें उनके गृह नगर रामनाथपुरम तक पहुँचाने की व्यवस्था की। हालांकि, इस घटना से मछुआरा समुदाय में व्याप्त पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकार और जब्त की गई नौकाओं की वापसी का मुद्दा अभी अनसुलझा है, जिसके समाधान के लिए दीर्घकालिक कूटनीतिक उपायों की आवश्यकता है।
























