उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी, विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर - जीएसटी परिषद
वस्तु एवं सेवा कर परिषद
जीएसटी 2.0 सुधार ने करों को मुख्य रूप से दो दरों 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत में बांट दिया है। हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर की दर 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगी। कम करों के कारण उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने जीएसटी 2.0 सुधार को मंजूरी दे दी है। शराब जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी और राज्यों द्वारा उत्पाद शुल्क के माध्यम से इस पर अलग से कर लगाया जाता रहेगा।
पहले 28 प्रतिशत कर अब 40 प्रतिशत कर स्लैब
महंगे वाहनों, पेट्रोल के लिए 1200 सीसी और डीजल के लिए 1500 सीसी से ज्यादा इंजन वाली लग्जरी कारों, शुगर वाले मीठे ड्रिक्स, फ्लेवर्ड और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों और तंबाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, सिगार, चुरूट, सिगारिलो, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू, अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, बीड़ी, सुगंधित तंबाकू और पान मसाला वस्तुओं पर पहले 28 प्रतिशत कर लगता था, अब उन्हें 40 प्रतिशत कर स्लैब में डाल दिया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि तंबाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत और सेस की दर तब तक लागू रहेगी जब तक कि क्षतिपूर्ति उपकर ऋण का भुगतान नहीं हो जाता, जिसके बाद ये 40 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगे।
आईटीसी लिमिटेड
स्लैब बढ़ाए जाने के बावजूद, तंबाकू पर कुल कर का बोझ जीएसटी और उपकर को मिलाकर 88 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगा। विश्लेषकों के अनुसार, आईटीसी लिमिटेड, अपना 80 प्रतिशत लाभ सिगरेट से कमाती है, उसको कर वृद्धि से जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, अब नियामक 2.0 सुधार परिवर्तनों से संबंधित अनिश्चितता कम होने से उसे लाभ हो सकता है। जिससे मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सिन टैक्स
सिन टैक्स, हानिकारक वस्तुओं जैसे बीड़ी, सिगरेट, सिगार, तंबाकू, पान मसाला या सामाजिक रूप से महंगी वस्तुओं जैसे महंगे वाहनों, पर लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क है, जो जन कल्याण के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करते हुए उपभोक्ता को हतोत्साहित कर उपयोग में कमी लाने के लिए लगाया जाता है।
























