एक राज्य एक चुनाव की तैयारी: राजस्थान
नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ
राजस्थान में शहरी निकाय और पंचायतों के चुनाव को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार इस साल के अंत में 'एक राज्य, एक चुनाव' नीति के तहत सभी नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी में है। इस फैसले के बाद प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा
एक राज्य, एक चुनाव’ की रणनीति
यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने स्पष्ट किया है कि सरकार ‘एक राज्य, एक चुनाव’ की नीति पर काम कर रही है। उनका कहना है कि इस नीति के तहत, दिसंबर 2025 तक प्रदेश के सभी नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य चुनावों में होने वाले खर्च और समय की बचत करना है।
मतदाता सूची तैयार करने का अनुरोध
मंत्री ने बताया कि नगर निकायों के पुनर्सीमांकन का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। अब वार्डों के पुनर्सीमांकन का नोटिफिकेशन अगले 5 से 7 दिनों में जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद विभाग राज्य निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची तैयार करने का अनुरोध करेगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
प्रदेश में नगर निकायों की संख्या
पुनर्सीमांकन के बाद प्रदेश में नगर निकायों की संख्या 312 से घटकर 309 हो जाएगी। इसका मुख्य कारण जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगमों का एकीकरण करना है। नई व्यवस्था के तहत इन तीनों शहरों में अब एक-एक ही नगर निगम होगा, जिससे प्रशासनिक कार्य में सुगमता आएगी।
पंचायतों का कार्यकाल समाप्त
कांग्रेस लगातार सरकार पर चुनाव टालने का आरोप लगा रही है। उनका कहना है कि सरकार हार के डर से पंचायतों और निकायों के चुनाव को टाल रही है। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि कई पंचायतों का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में ही समाप्त हो चुका है, जिससे जमीनी स्तर पर विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
दिसंबर 2025 में निकाय चुनाव
इन आरोपों के बीच, यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने कहा है कि सरकार दिसंबर 2025 में निकाय चुनाव कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उनका कहना है कि एक बार मतदाता सूची तैयार हो जाए, तो राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया जाएगा कि सभी चुनाव एक ही दिन में कराए जाएं।
























