कर्नाटक में मांगों पर अड़े कर्मचारी: हड़ताल
परिवहन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
कर्नाटक में आज से जनजीवन पर संकट के बादल छा गए हैं, क्योंकि राज्य के लाखों परिवहन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वेतन वृद्धि, 38 महीनों के बकाया और अन्य मांगों को लेकर यह हड़ताल शुरू हुई है, जिसने पूरे राज्य की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है।
कर्नाटक में सार्वजनिक परिवहन
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC), बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC), उत्तर पश्चिम कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NWKRTC) और कल्याण कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (KKRTC) सहित सभी चार राज्य-संचालित परिवहन निगमों के कर्मचारियों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल ने पूरे कर्नाटक में सार्वजनिक परिवहन को ठप कर दिया है, जिससे लाखों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांग
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में वेतन वृद्धि, 38 महीनों के वेतन बकाया का भुगतान और अन्य लाभों का निपटारा शामिल है। कर्मचारी संघों का कहना है कि 2020 से उनका वेतन संशोधन लंबित है और सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी कर्मचारियों को वेतन दिया गया था और 2023 में 15% की वेतन वृद्धि को लागू किया गया था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया
हड़ताल को रोकने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया था और कर्मचारियों को एक दिन के लिए हड़ताल टालने का निर्देश दिया था, ताकि सरकार के साथ उनकी बातचीत का कोई नतीजा निकल सके। हालांकि, कर्मचारी संघों ने अदालत के आदेश के बावजूद अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
कर्मचारियों के खिलाफ(ESMA)
फिलहाल, सरकार और कर्मचारी संघों के बीच गतिरोध बना हुआ है। सरकार ने 38 महीने के बकाया के बजाय 14 महीने के बकाया का भुगतान करने की पेशकश की थी, जिसे कर्मचारी संघों ने अस्वीकार कर दिया। सरकार ने हड़ताल को रोकने के लिए कई प्रयास किए, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ अंतिम दौर की बातचीत भी शामिल थी। सरकार ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) लागू करने की चेतावनी दी है और निजी बस ऑपरेटरों से यात्रियों की मदद करने की अपील की है।
यात्रियों को भारी परेशानिया
इस हड़ताल का सबसे बुरा असर आम यात्रियों पर पड़ रहा है। प्रतिदिन काम पर जाने वाले लोग, स्कूल-कॉलेज के छात्र और लंबी दूरी की यात्रा करने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य भर में बस स्टैंड खाली पड़े हैं और सड़कों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है।
























