कांवड़ यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था
देवभूमि हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर आने वाले लाखों शिवभक्तों की कांवड़ यात्रा सावन मास में आस्था और श्रद्धा का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि इसमें सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती होती है। पुलिस ने आगामी कांवड़ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इस वर्ष, कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों शिवभक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10,000 "कांवड़ मित्र" तैनात किए गए हैं। ये कांवड़ मित्र स्थानीय नागरिकों और स्वयंसेवकों का एक समूह हैं जो पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे और यात्रा को सुचारु बनाने में सहायता करेंगे। इसके अतिरिक्त, 3,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को कांवड़ मार्ग पर तैनात किया जा रहा है। इनमें 587 राजपत्रित अधिकारी, 2,040 इंस्पेक्टर, 13,520 सब-इंस्पेक्टर और 39,965 कॉन्स्टेबल शामिल हैं। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1,486 महिला सब-इंस्पेक्टर और 8,541 महिला कॉन्स्टेबल भी ड्यूटी पर रहेंगी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी और केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां, साथ ही 1,424 होम गार्ड भी तैनात किए जाएंगे। यह विशाल बल सुनिश्चित करेगा कि कांवड़ यात्रा बिना किसी अप्रिय घटना के संपन्न हो।
हाईटेक निगरानी और नियंत्रण कक्ष पुलिस इस बार हाईटेक निगरानी पर विशेष जोर दे रही है। कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए लगभग 1,500 सीसीटीवी कैमरों से रियल टाइम निगरानी की जाएगी, जो पूरे मार्ग पर नजर रखेंगे। पिछले साल यह संख्या 1100 थी, जिससे इस बार सुरक्षा में और भी इजाफा किया गया है। इन कैमरों को पांच नियंत्रण कक्षों से जोड़ा जाएगा, जिनमें एक मुख्य नियंत्रण कक्ष और 11 उप-नियंत्रण कक्ष शामिल हैं, जहाँ से पूरे रूट पर लगातार नजर रखी जाएगी। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों की मदद से भी भीड़ और गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। दूधेश्वर नाथ मंदिर, जो कांवड़ यात्रा का एक प्रमुख केंद्र है, वहां भी 3,550 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। मंदिर में 'हाजिरी का जल' चढ़ाने के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। अंतर-राज्यीय समन्वय के लिए, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारियों का एक समर्पित व्हाट्सएप समूह भी बनाया गया है, जो वास्तविक समय की जानकारी और आपातकालीन प्रतिक्रियाओं में सहायता करेगा।
आपदा प्रबंधन और विशेष सुविधाएं
कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भी व्यापक तैयारियां की गई हैं। लगभग 1,400 लीटर गंगाजल को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रखा गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही, हाईवे के किनारे लगे बिजली के खंभों को पॉलीथिन से लपेटा गया है ताकि करंट लगने जैसी किसी दुर्घटना से बचा जा सके। गंग नहर क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि यह गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा का महत्वपूर्ण बिंदु है। यहां गोताखोरों की टीम, जल पुलिस और एनडीआरएफ जैसी टीमें तैनात की जाएंगी, ताकि किसी भी जल-जनित दुर्घटना से निपटा जा सके। कांवड़ मार्ग को चार सुपर जोन और 108 सब-सेक्टर में बांटा गया है, जिनकी व्यवस्था संभालने के लिए प्रशासन के 141 अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कांवड़ शिविर सड़कों से 20 फीट दूर बनाए जाएं और शराब व मांसाहारी दुकानें कांवड़ मार्गों से दूर रहें या उन्हें ढका जाए, ताकि भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। यातायात प्रबंधन के लिए भी व्यापक डायवर्जन योजना लागू की गई है, जिससे भारी और हल्के वाहनों के मार्गों को कांवड़ियों के लिए सुरक्षित किया जा सके।
इस वर्ष की कांवड़ यात्रा के लिए अभूतपूर्व और व्यापक इंतजाम किए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने तक, हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि लाखों कांवड़ियों की यात्रा सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रह सके।