केबिन क्रू की ड्यूटी, लैंडिंग सीमा पर DGCA का नया ड्राफ्ट: हवाई सुरक्षा
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप
हवाई सुरक्षा और परिचालन दक्षता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, नागरिक उड्डयन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने केबिन क्रू की ड्यूटी और विश्राम अवधि से जुड़े नए ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये प्रस्तावित नियम उड़ान कर्मचारियों की थकान को कम करने और उड़ान सुरक्षा को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मजबूत बनाने पर केंद्रित हैं। इन बदलावों से अब लंबी और अधिक लैंडिंग वाली उड़ानों के लिए ड्यूटी की अवधि और आराम के समय को व्यवस्थित किया जाएगा।
अत्यधिक उड़ान परिचालन
नागरिक उड्डयन सुरक्षा नियामक ने केबिन क्रू के लिए उड़ान ड्यूटी अवधि और लैंडिंग की संख्या को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। नए मसौदे के अनुसार, यदि ड्यूटी की अवधि अधिकतम 11 घंटे है, तो छह लैंडिंग तक की ही अनुमति दी जाएगी। ड्यूटी समय बढ़ने के साथ-साथ लैंडिंग की संख्या घटाई जाएगी, जैसे 12.30 घंटे की ड्यूटी के लिए सिर्फ तीन लैंडिंग की सीमा तय की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्रू अत्यधिक उड़ान परिचालन से थक न जाए।
क्रू के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य
नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि ड्यूटी अवधि की शुरुआत रिपोर्टिंग समय से होकर सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने पर समाप्त होगी। उड़ान से पहले, कर्मचारियों को पिछली ड्यूटी अवधि के बराबर आराम देना अनिवार्य है। सबसे बड़ा बदलाव टाइम जोन पार करने पर आराम को लेकर है, जिसमें सात से अधिक टाइम जोन के लिए अब 36 घंटे का विश्राम अनिवार्य होगा। यह क्रू के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
एविएशन विशेषज्ञ
इन नए नियमों को विमानन सुरक्षा के लिए बेहद सकारात्मक मान रहे हैं। ये नियम थकान प्रबंधन के जरिए सुरक्षा जोखिम को कम करेंगे। डीजीसीए ने यह भी कहा है कि किसी भी 24 घंटे की अवधि में कुल ड्यूटी समय अनुमत अधिकतम ड्यूटी अवधि से एक घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। यह कदम भारतीय विमानन उद्योग को वैश्विक सुरक्षा मानदंडों के साथ लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
























