कॉटन मिल में भीषण आग: 10 टन कपास जलकर राख
कपास जलकर राख
तमिलनाडु के थेनी जिले में एक कॉटन मिल में भीषण आग लगने से बड़ा हादसा हो गया है। मंगलवार (29 जुलाई) और बुधवार (30 जुलाई) की दरमियानी रात को हुए इस अग्निकांड में लगभग 10 टन कपास जलकर राख हो गया, जिससे मिल को करोड़ों रुपये का भारी नुकसान हुआ है। इस भीषण अग्निकांड में मिल में रखा लगभग 10 टन कपास पूरी तरह से जलकर राख हो गया। कपास की इतनी बड़ी मात्रा का जलना मिल के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका है। आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि दूर से ही धुएं का गुबार देखा जा सकता था, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई।
विद्युत शॉर्ट सर्किट
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग लगने का कारण विद्युत शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। यह घटना दर्शाती है कि औद्योगिक इकाइयों में विद्युत सुरक्षा मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। शॉर्ट सर्किट के कारण आग तेजी से फैली, क्योंकि कपास एक अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ है, जिससे आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
दमकल विभाग की मशक्कत
आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। आग इतनी विकराल थी कि इसे बुझाने में दमकल कर्मियों को कई घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी। पानी की लगातार बौछारें करने के बावजूद, आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाने में काफी समय लगा, जिससे नुकसान का आकलन और बढ़ गया।
सुरक्षा मानकों की जांच और नुकसान का आकलन
थेनी जिला प्रशासन ने आग लगने के कारणों और नुकसान का विस्तृत आकलन करने के लिए जांच शुरू कर दी है। मिल प्रबंधन को भी इस घटना के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। यह हादसा थेनी के औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह घटना औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। कॉटन मिल जैसी ज्वलनशील सामग्री वाली जगहों पर आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए, जिनमें नियमित विद्युत ऑडिट, आग बुझाने वाले उपकरण और आपातकालीन निकास शामिल हैं।