कोल्ड्रिफ़ में मिला 480 गुना ज़्यादा ज़हर: मौत का कफ सिरप

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छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश
जिले में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है, जहाँ 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के सेवन से अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस त्रासदी के पीछे का सच तब सामने आया जब सरकारी लैब की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि सिरप में एक खतरनाक औद्योगिक विलायक डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) निर्धारित सीमा से 480 गुना अधिक मात्रा में मौजूद था। बच्चों को यह घातक सिरप लिखने के आरोप में स्थानीय बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. को रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है।

सर्दी, खांसी और बुखार
छिंदवाड़ा जिले के परासिया में सितंबर माह से बच्चों में गुर्दे की गंभीर विफलता (Kidney Failure) के लक्षण दिखने शुरू हुए थे। ये सभी बच्चे सर्दी, खांसी और बुखार के इलाज के लिए निजी क्लिनिक और अस्पतालों में गए थे, जहाँ उन्हें मुख्य रूप से 'कोल्ड्रिफ' सिरप दिया गया था। सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है। यह घटना लापरवाही, मिलावट और स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।

डायरेक्टरेट ऑफ ड्रग कंट्रोल
तमिलनाडु के द्वारा की गई लैब जाँच में 'कोल्ड्रिफ' सिरप में अत्यधिक जहरीले रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की पुष्टि हुई है। जाँच रिपोर्ट में सिरप में 48.6 प्रतिशत डीईजी पाया गया, जबकि दवा में इसकी स्वीकार्य सीमा केवल 0.1 प्रतिशत होती है। यह औद्योगिक विलायक सीधे बच्चों की किडनी पर घातक असर डालता है, जिससे गुर्दे खराब हो जाते हैं। तमिलनाडु सरकार के अनुरोध पर यह जाँच हुई थी, जिसके बाद दवा को 'मानक गुणवत्ता का नहीं' घोषित किया गया।

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट
मध्य प्रदेश सरकार ने जाँच रिपोर्ट के बाद और कठोर कार्रवाई की है। परासिया क्षेत्र में कई बच्चों को यह जहरीला सिरप लिखने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. (जो सरकारी डॉक्टर भी हैं) को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मानव वध और दवाओं में मिलावट का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।

बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दुखद घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए पूरे मध्य प्रदेश में 'कोल्ड्रिफ' सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित अन्य सभी उत्पादों की बिक्री पर भी अगली जाँच रिपोर्ट आने तक रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सिरप के स्टॉक को जब्त करें और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निगरानी बढ़ाएँ।

घातक बैच बाजार में कैसे आया
अधिकारी इस बात की विस्तृत जाँच कर रहे हैं कि यह घातक बैच बाजार में कैसे आया और वितरण श्रृंखला में कहाँ चूक हुई। केंद्र सरकार ने भी छह राज्यों में इस कंपनी की दवाओं की जाँच शुरू कर दी है। इस त्रासदी के चलते स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों से विशेष अपील की है कि वे बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को कोई भी कफ सिरप न दें और यदि किसी बच्चे में दवा के बाद पेशाब कम होने या उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएँ।

विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श
यह रिपोर्ट मीडिया स्रोतों और सरकारी जाँच रिपोर्टों पर आधारित है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य त्रासदी से संबंधित है। अस्थमा, खाँसी या किसी भी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा का उपयोग विशेष रूप से जांच परख कर किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श और प्रिस्क्रिप्शन पर ही करें। स्व-औषधि (Self-Medication) से बचें और अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं पर ही भरोसा करें।

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