टेक्सटाइल उद्योगों को पंजीकृत कराने का अभियान: प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना

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प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना 
मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम ने उद्योग जगत के सामने चुनौतियों और अपेक्षाओं को उजागर किया। (PMVBRY) को लेकर भीलवाड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की गई। यह योजना 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर साढ़े तीन करोड़ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखती है। कार्यशाला में टेक्सटाइल सेक्टर के उद्योगों को योजना में शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

टेक्सटाइल सेक्टर
ईपीएफओ, उदयपुर के संभागीय आयुक्त पी.के. सिन्हा ने बताया कि टेक्सटाइल सेक्टर मुख्य रोजगार प्रदाता है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा, राजस्थान का सबसे बड़ा केंद्र होते हुए भी अभी 360 उद्योग इस योजना में अपंजीकृत हैं। नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में अभियान चलाकर इन्हें पंजीकृत कराने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि यह उद्योग देश की आर्थिक उन्नति का इंजन है।

प्रशिक्षित कामगार के रूप में विकसित
संभागीय आयुक्त पी.के. सिन्हा ने एक अन्य चुनौती की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि 18 से 29 वर्ष के युवा जल्द ही नौकरी छोड़ देते हैं। उन्होंने उद्योगों से अपील की कि ऐसे युवाओं को प्रेरित करके देश के प्रशिक्षित कामगार के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्योग की सराहना करते हुए कहा कि यह पूरे राज्य के टेक्सटाइल उद्योग की वृद्धि में सहयोग कर रहा है।

मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री  
मानद महासचिव आर.के. जैन ने EPFO से एक महत्वपूर्ण मांग की। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा जिला कार्यालय को क्षेत्रीय कार्यालय (Regional Office) के रूप में क्रमोन्नत किया जाना चाहिए। वर्तमान में पेंशन और क्लेम सेटलमेंट के अधिकार जिला कार्यालय के पास न होने से कर्मचारियों का समय और धन व्यर्थ होता है। भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ का उद्योग जगत लाखों को रोजगार देता है।

क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर 
जी.एल. नागदा ने योजना का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले श्रमिक को 15,000 रुपये का अनुदान दो किस्तों (छह और बारह माह) में आधार लिंक खाते में मिलेगा। वहीं, नियोक्ता को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पर 1000 से 3000 रुपये प्रति माह का अनुदान दिया जाएगा।

समस्याओं के समाधान का आश्वासन
आर.के. जैन ने अपनी मांग के समर्थन में तर्क दिया कि कोटा और अलवर में जिला कार्यालय पहले ही क्षेत्रीय कार्यालय के रूप में क्रमोन्नत हो चुके हैं, जबकि भीलवाड़ा का उद्योग जगत उनसे अधिक रोजगार प्रदाता है। कार्यशाला में नितिन स्पिनर्स और आरएसडब्ल्यूएम के एचआर हेड ने तकनीकी कठिनाइयां बताईं, जिस पर आयुक्त ने निकट भविष्य में मेवाड़ चैम्बर में कैंप आयोजित करके समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। भीलवाड़ा जिला कार्यालय के आरएन मीणा ने बताया कि योजना के लिए एक तकनीकी सेल गठित की गई है।

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