ठंडी हवाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में गुलाबी ठंड: हिमपात और पश्चिमी विक्षोभ
हिमालय की ऊँची चोटियाँ
आमतौर पर नवंबर में शुरू होने वाली बर्फबारी (Snowfall), इस बार अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही शुरू हो गई है, जिससे हिमालय की ऊँची चोटियाँ सफेद चादर से ढक गई हैं। इस समय से पूर्व हिमपात और पश्चिमी विक्षोभ की ठंडी हवाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है, उत्तर-पश्चिमी भारत के मौसम में इस बार एक अप्रत्याशित और बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जहाँ रात का तापमान सामान्य से नीचे दर्ज हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर लौटता मानसून अभी भी दक्षिण भारतीय राज्यों में भारी बारिश करा रहा है, जिससे वहाँ बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
समय से पहले बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे पश्चिमी हिमालयी राज्यों की ऊँची चोटियों पर समय से पहले बर्फबारी हुई है। उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब और केदारनाथ धाम जैसी जगहों पर दो फीट तक बर्फ जम गई है। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग और पहलगाम, तथा हिमाचल के किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में भी भारी हिमपात शुरू हो गया है। इस कारण, हिमाचल के केलांग में न्यूनतम तापमान माइनस 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में भी पारा 5 डिग्री से नीचे है।
पारा 18 डिग्री के आस-पास
पहाड़ों पर हुई इस जल्दी बर्फबारी ने मैदानी राज्यों में ठंडक बढ़ा दी है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) से आने वाली ठंडी हवाएँ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पहुँच रही हैं, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे क्षेत्र में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। शनिवार को दिल्ली के पालम में न्यूनतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस कम है। हरियाणा के हिसार और उत्तर प्रदेश के इटावा में भी पारा 18 डिग्री के आस-पास रहा।
ला नीना (La Niña) नामक जलवायु घटना
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर भारत में ठंड का यह शुरुआती दौर अस्थायी हो सकता है और उसके बाद तापमान में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने इस बात की 70 फीसदी संभावना जताई है कि इस बार सर्दी अधिक पड़ेगी, जिसका एक प्रमुख कारण ला नीना (La Niña) नामक जलवायु घटना का संभावित प्रभाव है, जो शीतकाल में उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड लाने के लिए जाना जाता है। इस बीच, हिमाचल के लाहौल-स्पीति की चंद्राघाटी में मौसम साफ होते ही हिमस्खलन की घटना भी सामने आई, जिससे किसी नुकसान की खबर नहीं है।
दक्षिण प्रायद्वीपीय
भारत में अगले 4-5 दिनों के दौरान भारी वर्षा होने की आशंका है। इसके मद्देनजर, आईएमडी ने केरल के इडुक्की, कन्नूर और कासरगौड़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो अत्यंत भारी वर्षा का संकेत है। तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में पोन्नई नदी के किनारे बसे गाँवों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है और ग्रामीणों को नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है। पड़ोसी आंध्र प्रदेश में भी कलावगुंटा बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।
























