डॉ. सुब्बाराव की स्मृति में: श्रम-संस्कार कार्यक्रम
सत्य, सेवा और स्वावलंबन
श्रद्धेय डॉ. एस. एन. सुब्बाराव के चतुर्थ स्मृति दिवस पर एक अभूतपूर्व पहल की गई। राष्ट्र निर्माण और समर्पण की जीती जागती मिसाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार सहित तीन राज्यों में एक साथ 'श्रम-संस्कार कार्यक्रम' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भाई जी के तीन महान सिद्धांतों सत्य, सेवा और स्वावलंबन को पुनः समाज में स्थापित करना था। यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा का एक जन आंदोलन बन गया।
श्रम-संस्कार कार्यक्रम
यह विशिष्ट 'श्रम-संस्कार कार्यक्रम' राष्ट्रीय आचार्य कुल पत्रकारिता प्रकोष्ठ, नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन (NJA) और मगध समाज कल्याण प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। तीनों राज्यों के विभिन्न जिलों में सामूहिक श्रमदान, सफाई अभियान और जनजागरण रैलियाँ निकाली गईं। इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य डॉ. एस. एन. सुब्बाराव के सत्य, सेवा और स्वावलंबन के मूल्यों को युवाओं तक पहुँचाना था।
पौधों का वितरण
कार्यक्रम के तहत पिपराइच ब्लॉक के विभिन्न गाँवों — सारंडा, उनौला, चिलबिलवा, आराजी बनकट, माड़पार, लुहासी, बेला और हेमधापुर में जोरदार श्रमदान हुआ। 'हाथ लगे निर्माण में, नहि मांगने नहीं मारने' के नारे के साथ डिजिटल सखियों ने तालाबों पर सामूहिक सफाई की। सेवा के इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए अमरूद, जामुन और कटहल के कुल 250 पौधों का वितरण किया गया और नए पौधे भी लगाए गए।
नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन
राष्ट्रीय महासचिव एवं सामाजिक चिंतक, अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह ने भाई जी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भाई जी का जीवन त्याग, सादगी और मानवता की एक अद्भुत मिसाल है। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके श्रम-संस्कार और सेवा भाव को समाज के हर वर्ग में जीवित रखें। यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समाज में नैतिक जागृति
राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती गीता कौर ने डॉ. सुब्बाराव को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा, “भाई जी का समग्र जीवन युवाओं के लिए एक महान प्रेरणा है। सत्य और स्वावलंबन के उनके सिद्धांत आज भी हमारे समाज में नैतिक जागृति लाने की दिशा में प्रकाशस्तंभ की तरह हैं।” उनकी मान्यता थी कि युवा श्रम के माध्यम से ही राष्ट्र निर्माण में अपनी सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम में सामूहिक योगदान
इस श्रम-संस्कार कार्यक्रम में पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और युवाओं ने सक्रिय सहभागिता की। समाजसेवी सुप्रिया, अजीत कुमार, जियाउद्दीन, अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंहा, अधिवक्ता अविनाश कुमार, अधिवक्ता संजीव कुमार और रश्मिता कुमारी सहित अनेकों लोगों ने योगदान दिया। सभी ने मिलकर सामूहिक श्रमदान के माध्यम से भाई जी के विचारों को समाज के बीच साझा किया और सेवा का संकल्प लिया।
























