तूफान का खतरा, चक्रवात शक्ति ने पकड़ी रफ्तार: गुजरात
भारतीय मौसम विभाग
अरब सागर में उठा चक्रवात 'शक्ति' अब गुजरात तट के पास से लगातार आगे बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस तूफ़ान को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है, अगले 24 घंटों में और प्रचंड रूप लेकर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इस शक्तिशाली तूफान के कारण महाराष्ट्र के कई जिलों, विशेषकर मुंबई, ठाणे और पालघर में तेज हवाएँ और भारी बारिश की संभावना है, जिसके मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
तूफ़ान 100 किलोमीटर प्रति घंटे
अरब सागर में बना चक्रवात 'शक्ति' लगातार उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह तक यह गुजरात के नलिया से लगभग 270 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 300 किमी पश्चिम में केंद्रित था। आईएमडी के अनुमान के अनुसार, तूफ़ान 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा और बहुत तेज बारिश ला सकता है।
चक्रवात 'शक्ति'
शुक्रवार सुबह से लगभग 8 किलोमीटर प्रति घंटे की धीमी गति से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा था। आईएमडी का अनुमान है कि शनिवार को यह एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा और 5 अक्टूबर तक पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में मध्य अरब सागर की ओर बढ़ेगा। इसके बाद, इसके 6 अक्टूबर से दिशा बदलकर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।
एशिया-प्रशांत
इस चक्रवात का नाम 'शक्ति' रखा गया है, जो श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित किया गया है। चक्रवात के नामकरण की यह प्रक्रिया विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) और एशिया-प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) की प्रणाली के तहत होती है। इस सूची में शामिल 169 नामों को वर्णमाला के क्रम से दिया जाता है, बशर्ते तूफ़ान की गति 65 किमी/घंटा या उससे अधिक हो।
विदर्भ और मराठवाड़ा
भारतीय मौसम विभाग ने चक्रवात 'शक्ति' को लेकर महाराष्ट्र के कई जिलों में 7 अक्टूबर तक अलर्ट जारी किया है। मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में तेज हवाएँ चलने और भारी बारिश होने की संभावना है। विदर्भ और मराठवाड़ा में भी भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे उत्तरी कोंकण के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को तत्काल आपदा प्रबंधन प्रणाली सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। तटीय और निचले इलाकों के लोगों के लिए निकासी योजना तैयार रखने को कहा गया है। समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की आशंका को देखते हुए, मछुआरों को 7 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है, साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
तटीय सुरक्षा और सतर्कता
बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर में चक्रवात अपेक्षाकृत कम आते हैं। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में तूफानों की रफ्तार और तीव्रता बढ़ी है, जैसा कि ताउते (2021) और बिपरजॉय (2023) जैसे तूफानों में देखा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि 'शक्ति' का सीधा असर तटों पर भले ही न पड़े, लेकिन इसकी प्रचंडता को देखते हुए तटीय सुरक्षा और सतर्कता आवश्यक है।
























