देव दीपावली पर कमिश्नरेट पुलिस की भव्य तैयारी: बैरिकेडिंग का सुरक्षा जाल
देव दीपावली महापर्व
अस्सी घाट से लेकर नमो घाट तक लगभग पाँच किलोमीटर के क्षेत्र में गंगा नदी के भीतर जेटी से बैरिकेडिंग की जाएगी, ताकि क्रूज और मोटरबोट के संचालन को सुरक्षित और व्यवस्थित किया जा सके। यह बैरिकेडिंग सुरक्षा व्यवस्था को अद्वितीय बनाएगी और नाव संचालन के लिए एक निश्चित मार्ग तैयार करेगी। गंगा की झिलमिलाहट के बीच होने वाली देव दीपावली के महापर्व के लिए काशी में कमिश्नरेट पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस साल गंगा का जलस्तर सामान्य से अधिक होने के कारण सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है।
असंख्य दीपों से झिलमिल गंगा
देव दीपावली पर असंख्य दीपों की झिलमिलाहट के बीच गंगा में सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए प्रयागराज से जेटी पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहली खेप शुक्रवार को रविदास घाट पहुँच गई, और रविवार तक और जेटी पहुँचने की उम्मीद है। अस्सी से नमो घाट के बीच की गई बैरिकेडिंग के अंदर ही क्रूज और मोटरबोट का संचालन किया जाएगा, जिसके लिए निर्धारित रूट तैयार किया जा रहा है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग एक-एक किमी पर कट बनाए जाएंगे, जिससे किसी भी नाव को अनधिकृत रूप से इधर-उधर प्रवेश करने से रोका जा सके।
जल पुलिस प्रभारी
राजकिशोर पांडेय ने सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि चार नवंबर की रात से ही गंगा में डायवर्जन प्लान लागू हो जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर, हाथ से चलने वाली छोटी नावें पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगी। इसके अलावा, देव दीपावली के दिन बाहरी मोटरबोट और बजड़ों के प्रवेश पर भी पूरी तरह रोक रहेगी। पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि सामनेघाट पुल और नमो घाट के बाद से किसी भी मोटरबोट को बीच गंगा में नहीं आने दिया जाएगा। ये उपाय भीड़ और अव्यवस्था को रोकने के लिए उठाए गए हैं।
गंगा आरती और सुरक्षा व्यवस्था
जल पुलिस और एनडीआरएफ अधिकारियों ने मिलकर व्यापक रणनीति बनाई है। संयुक्त बैठक में जिला और पुलिस अधिकारियों समेत सभी विभागों की भागीदारी होगी। जल पुलिस के अनुसार, गंगा में पांच किमी तक बैरिकेडिंग के भीतर ही क्रूज और मोटरबोट का रूट निर्धारित रहेगा। चेतसिंह किला घाट के पास बैरिकेडिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा, प्रमुख घाटों जैसे दशाश्वमेध, अस्सी, नमो घाट, पंचगंगा घाट पर गंगा आरती के दौरान नावों का खड़ा होना पूरी तरह से वर्जित होगा, जिससे किनारे की सुरक्षा बतरेगी।
























