देशभर से आए बेहतरीन घोड़ों की खरीद-फरोख्त शुरू: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला
इस बार घोड़ों की सबसे उन्नत और वफादार मानी जाने वाली मारवाड़ी नस्ल के अश्वों का बड़ा जमावड़ा लगा है, जिनकी कीमत लाखों से लेकर करोड़ों रुपये तक है। यह मेला न केवल व्यापार का केंद्र है, बल्कि भारतीय पशुधन की समृद्ध परंपरा का भी दर्शन कराता है। एशिया के सबसे बड़े माने जाने वाले और 22 अक्टूबर से 7 नवंबर तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2025 ने अपने आरंभिक चरण में ही शानदार रौनक बिखेरनी शुरू कर दी है। इस मेले में विभिन्न राज्यों से बेशकीमती घोड़ों और पशुपालकों का आना तेज हो गया है।
पशुपालन विभाग
हरियाणा से आए गौरव यादव जैसे अश्वपालकों ने बताया कि पहली बार मेला स्थल पर अस्थायी भूखंड का ऑनलाइन आवंटन किया गया है, जो एक बेहतर निर्णय है। ऑनलाइन आवेदन के बाद आवंटित इन भूखंडों पर अश्वपालकों ने अपने शानदार शामियाने लगा दिए हैं। इन शामियानों में घोड़ों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए आधुनिक सुविधाएँ हैं, साथ ही खरीद-फरोख्त की बातचीत के लिए अलग मेहमानखाना भी बनाया गया है। पशुपालकों की सुविधा के लिए इस वर्ष पशुपालन विभाग ने एक सराहनीय पहल की है।
पुष्कर मेले में मारवाड़ी
22 अक्टूबर से 7 नवंबर तक आयोजित पुष्कर मेले में मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों का विशेष आकर्षण है। गौरव यादव के पास इसी नस्ल का मशहूर घोड़ा है, जो दिलबाग का पोता और लाल रत्न का बेटा है। इसकी मजबूत और सुंदर बनावट इसे प्रतियोगिता के लिए उत्तम बनाती है। अश्वपालक प्रमोद पाराशर के पास दाना (जिसे मुकेश अंबानी ने खरीदा था) का बेटा ब्रह्मदेव है, जिसे वह बेशकीमती बताते हैं। पाराशर के अनुसार, मारवाड़ी नस्ल के घोड़े स्वामी भक्त और सहनशील होते हैं, जो मालिक की कीर्ति बढ़ाते हैं।
मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी
पंजाब के बठिंडा से आए गोरा भाई ने अपनी घोड़ी नगीना के कारण सबका ध्यान खींचा है। दिलबाग की बेटी नगीना की उम्र सिर्फ 31 माह है और उसकी हाइट साढ़े 63 इंच है। गोरा भाई ने बताया कि मारवाड़ी नस्ल की यह घोड़ी पुष्कर मेले में आने वाले घोड़ों में अद्वितीय है। वह 2010 से लगातार मेले में भाग ले रहे हैं। नगीना की कीमत एक करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि उसके लिए 55 लाख रुपये की बोली लग चुकी है। गोरा भाई का कहना है कि वे पूरे दाम मिलने पर ही नगीना को बेचेंगे।
पशुपालक को बेहतर कारोबार की उम्मीद
मेले में घोड़ों की उन्नत नस्ल के कारण कीमतों में भारी उछाल देखने को मिलता है। मारवाड़ी नस्ल के अश्व अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण लाखों से करोड़ों रुपये तक में बिकते हैं। इन घोड़ों की ब्रीड और खूबियाँ ही इनकी कीमत तय करती हैं। पशुपालक बेहतर कारोबार की उम्मीद में देश के कोने-कोने से इन विशिष्ट अश्वों को लेकर पुष्कर पहुँचे हैं। आगामी कुछ दिनों में मेले में घोड़ों की संख्या और खरीद-फरोख्त में तेजी आने की संभावना है।
























