फर्जी वीडियो से गृह मंत्रालय और प्रशासन को भड़काने की बड़ी साजिश: लद्दाख
तकनीक का दुरुपयोग
लद्दाख में इन दिनों 'डीपफेक' तकनीक का दुरुपयोग कर गलत सूचना फैलाने का गंभीर मामला सामने आया है। हाल ही में, लेह के एडीसी (अपर विकास आयुक्त) गुलाम मोहम्मद के नाम पर एक डिजिटल रूप से संशोधित वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्हें पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की झूठी घोषणा करते दिखाया गया है। यह फर्जी वीडियो स्थानीय प्रशासन और गृह मंत्रालय के खिलाफ जनता को भड़काने की एक बड़ी साजिश प्रतीत होती है, जिस पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
फर्जी वीडियो वायरल
लेह के एडीसी गुलाम मोहम्मद के नाम पर वायरल हो रहे इस फर्जी वीडियो में दावा किया गया है कि सोनम वांगचुक को गृह मंत्रालय के आदेश पर गिरफ्तार किया गया था। मनगढ़ंत क्लिप में उन पर यहाँ तक कि पाकिस्तानी एजेंट होने का झूठा आरोप भी लगाया गया है। अधिकारियों ने तुरंत स्पष्ट किया कि एडीसी की ओर से ऐसा कोई बयान कभी नहीं दिया गया है और यह वीडियो पूरी तरह से छेड़छाड़ कर बनाया गया है।
डीपफेक वीडियो
यह घटना तब सामने आई, जब लेह के एडीसी गुलाम मोहम्मद का यह डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ। इससे ठीक तीन दिन पहले लद्दाख के डीजीपी डॉ. एसडी सिंह का भी एक डिजिटल रूप से संशोधित वीडियो वायरल हुआ था। उन दोनों वीडियो में एक प्रमुख कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर झूठे और भ्रामक दावे किए गए थे, जिससे स्पष्ट होता है कि यह एक लगातार चलने वाली साजिश है।
जनता को गुमराह करना और भड़काना
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस वीडियो को बनाने के लिए डीपफेक तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसके माध्यम से वीडियो को डिजिटल रूप से संशोधित किया गया। इस तकनीक का उद्देश्य अधिकारी के चेहरे और आवाज का उपयोग करके एक फर्जी बयान तैयार करना था। इसका मकसद स्थानीय प्रशासन और गृह मंत्रालय के खिलाफ जनता को गुमराह करना और भड़काना था।
डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग
यह फर्जी वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया गया, जहाँ गलत सूचना फैलाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग किया गया। यह घटना लेह प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में हुई। अधिकारियों ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए लेह पुलिस के प्रवक्ता के माध्यम से जनता को सतर्क रहने का संदेश दिया और कानूनी कार्रवाई शुरू की।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था
डीजीपी के बाद एडीसी के नाम पर डीपफेक वीडियो का वायरल होना सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा है। यह घटना दर्शाती है कि समाज में अस्थिरता और भ्रम फैलाने के लिए डीपफेक जैसी एआई तकनीक का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। इसका व्यापक असर जनता के विश्वास और अधिकारियों की विश्वसनीयता पर पड़ सकता है।
























