फेसबुक पर दोस्ती क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर 42.50 लाख की ठगी
फेसबुक पर दोस्ती की सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर अपराधों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। हाल ही में, आगरा में रश्मि नगर, कमला नगर के धर्मेंद्र गुप्ता के साथ हुई ठगी की घटना ने एक बार फिर से ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। 19 जनवरी को धर्मेंद्र गुप्ता को 'अनु अरोरा' नामक प्रोफ़ाइल से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। प्रोफ़ाइल में युवती ने खुद को फैशन डिजाइनर बताया था। धर्मेंद्र ने रिक्वेस्ट स्वीकार की, जिसके बाद मैसेंजर पर बातचीत शुरू हुई। कुछ समय बाद, उन्होंने मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान किया और व्हाट्सएप पर चैटिंग करने लगे।
क्रिप्टोकरेंसी निवेश का प्रलोभन
चैटिंग के दौरान, युवती ने धर्मेंद्र को क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में निवेश करने का सुझाव दिया। उसने मुनाफे का लालच दिया और कहा कि यदि लाभ नहीं हुआ तो पूरी रकम वापस कर दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद, धर्मेंद्र ने निवेश करने का निर्णय लिया।
निवेश की शुरुआत और मुनाफे का दिखावा
पहली बार, धर्मेंद्र ने 50,000 रुपये ट्रांसफर किए, जिसके बदले में उन्हें 500 यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) प्राप्त हुए। ट्रेडिंग में 50 यूएसडीटी का मुनाफा दिखाया गया। इसके बाद, 22 फरवरी को उन्होंने 1.5 लाख रुपये और 23 फरवरी को 8 लाख रुपये ट्रांसफर किए। हर बार उन्हें मुनाफा दिखाया गया, जिससे उनका विश्वास बढ़ता गया।
बड़ी रकम का निवेश और ठगी का खुलासा
26 फरवरी को, युवती ने धर्मेंद्र को 50,000 यूएसडीटी खरीदने की सलाह दी, जिसके लिए उन्होंने 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद भी, युवती ने और रकम की मांग जारी रखी। कुल मिलाकर, धर्मेंद्र से 42.50 लाख रुपये ठग लिए गए। जब उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं, तो उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच और साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
धर्मेंद्र की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी को दर्शाती है। लोगों को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर अज्ञात व्यक्तियों से सतर्क रहना चाहिए और किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर बढ़ती ठगी की घटनाएं हमें सतर्क रहने की सीख देती हैं। धर्मेंद्र गुप्ता के साथ हुई इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन मित्रता के जाल में फंसकर बिना सोचे-समझे निवेश करना कितना खतरनाक हो सकता है। सभी को चाहिए कि वे साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।