मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों की जांच, सुरक्षा इंतजामों में तत्काल सुधार के निर्देश: कोटा
नगर निगम की टीम
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हुई घटना के बाद, अब कोटा में भी मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा का विस्तृत जायजा लिया गया। नगर निगम की टीम ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास के नेतृत्व में नए अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, एमबीएस और जेके लोन अस्पताल की जाँच की। सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक चले इस निरीक्षण में कई गंभीर कमियां सामने आईं। यह जांच रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी गई है और सुरक्षा इंतजामों में तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
अग्नि सुरक्षा प्रणाली
नगर निगम की टीम ने अपनी जाँच में पाया कि एमबीएस अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में अग्नि सुरक्षा प्रणाली चलता हुआ नहीं मिला। यहाँ तक कि स्मोक डिटेक्टर भी आईसीयू जैसे संवेदनशील वार्डों में काम नहीं कर रहे थे। इसके अलावा, अग्निशमन के नोजल और हौज पाइप चोरी के डर से स्टोर रूम में रखे हुए थे, जिससे आपातकाल में तुरंत इस्तेमाल संभव नहीं था। इन कमियों को दूर करने के लिए तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
अस्पताल प्रबंधन
जाँच में यह पाया गया कि अस्पताल के कर्मचारी अग्निशमन कार्यों के लिए प्रशिक्षित नहीं थे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि चारों अस्पतालों में फायरमैन की नियुक्ति नहीं है, जबकि यह अनिवार्य है। अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग दिलाई गई है, लेकिन व्यास ने सभी जगह फायरमैन नियुक्त करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गार्ड, नर्सिंग स्टाफ सहित सभी व्यक्तियों को फायर एक्सटिंग्विशर चलाने की जानकारी होनी चाहिए।
सेकंड एग्जिट
राकेश व्यास ने निरीक्षण के दौरान पाया कि वार्ड और अन्य स्थानों पर सेकंड एग्जिट (द्वितीय निकास मार्ग) पूरी तरह से साफ़ नहीं थे और कुछ जगहों पर सामान रखा हुआ था। इसे तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है ताकि आपात स्थिति में निकासी में बाधा न आए। इसके अतिरिक्त, लूज वायरिंग को दुरुस्त करने और इलेक्ट्रीशियन को 24 घंटे मौजूद रहने के लिए कहा गया है। यह सुनिश्चित किया जाना है कि अग्निशमन उपकरण 24 घंटे ऑपरेशन में रहें।
फायरमैन की नियुक्ति
जांच रिपोर्ट के आधार पर, राकेश व्यास ने अस्पताल प्रबंधन को कई कड़े निर्देश दिए हैं। इनमें पुरानी बिल्डिंग के स्मोक डिटेक्टरों को दुरुस्त करना, फायरमैन की नियुक्ति करना और सभी जगह नोजल लगाना शामिल है। उन्होंने चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए गार्ड्स की तैनाती बढ़ाने को भी कहा है। साथ ही, फायर ब्रिगेड के आने-जाने के लिए कॉरिडोर में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए और अस्पताल में पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण चेतावनी
इस ऑडिट का सीधा प्रभाव अस्पताल की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर पड़ेगा, जिससे मरीजों और स्टाफ की जान सुरक्षित होगी। व्यास ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि नई बिल्डिंग में इंतजाम बेहतर थे, लेकिन पुरानी बिल्डिंग की कमियाँ गंभीर हैं। इन निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। यह निरीक्षण भविष्य में किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में कार्य करेगा।
























