लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह की नई जिम्मेदारी
युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि
देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने आज भारतीय सेना के उप सेनाध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है। इस महत्वपूर्ण पद को ग्रहण करने से पहले, उन्होंने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन शहीदों को नमन किया जिन्होंने कर्तव्य की राह में अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया और इसके बाद आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार भी व्यक्त किए।
लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह का सैन्य करियर
लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह का सैन्य करियर 38 साल से अधिक का है, जो उपलब्धियों से भरा है। उन्हें दिसंबर 1987 में 4th बटालियन, द पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्सेज) में कमीशन मिला था। उन्होंने अपने सेवाकाल में 'ऑप पवन', 'ऑप मेघदूत', 'ऑप ऑर्किड' और 'ऑप रक्षक' जैसे कई महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण अभियानों में हिस्सा लिया है। यह कार्य देश के प्रति उनके गहरे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है।
भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून
लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज और लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने अपनी उच्च शिक्षा भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से पूरी की ।उप सेनाध्यक्ष बनने से पहले, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना मुख्यालय में डायरेक्टर जनरल ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स एंड स्ट्रैटेजिक मूवमेंट के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने अपने शानदार करियर में विभिन्न कमांड और स्टाफ नियुक्तियों को संभाला है, जिससे उन्हें युद्ध और शांति दोनों ही समय में नेतृत्व का व्यापक अनुभव मिला है। उनके असाधारण सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (PVSM), अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM) और सेना पदक (SM) जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है, जो उनके अदम्य साहस और समर्पण को दर्शाते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने इस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि का स्थान लिया है, जो 39 वर्षों की शानदार सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी नियुक्ति भारतीय सेना के नेतृत्व में एक मजबूत और अनुभवी नेतृत्व को दर्शाती है, जो आने वाले समय में सेना की रणनीतिक दिशा और मजबूती को एक नई धार मिलने की उम्मीद जगाता है।