विदेश में सुनहरे करियर और मोटी कमाई के सपने दिखाकर म्यांमार में फर्जी जॉब स्कैम
फर्जी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी
पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में फर्जी जॉब रैकेट तेजी से बढ़े हैं। म्यांमार में भारतीय नागरिकों को आईटी कंपनियों में आकर्षक नौकरियों का लालच देकर बुलाया जाता था, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें साइबर अपराध और अन्य गैरकानूनी कार्यों में धकेल दिया जाता था। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, ये लोग साइबर अपराध केंद्रों में जबरन कार्य करने के लिए मजबूर किए गए, जहाँ उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों में संलिप्त होना पड़ा। विदेश में सुनहरे करियर और मोटी कमाई के सपने दिखाकर निर्दोष भारतीय नागरिकों को साइबर क्राइम में धकेला जा रहा था। म्यांमार और थाईलैंड के सीमावर्ती इलाकों में फर्जी जॉब ऑफर देकर इन्हें जबरन धोखाधड़ी के कार्यों में लगाया गया। भारत सरकार के अथक प्रयासों के बाद 283 भारतीय नागरिकों को म्यांमार से बचाकर भारत वापस लाया गया।
भारतीय सरकार का राहत अभियान
भारत सरकार ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए म्यांमार और थाईलैंड में भारतीय दूतावासों को सक्रिय किया। इन दूतावासों ने म्यांमार के स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इन नागरिकों की पहचान की और उन्हें बचाने की प्रक्रिया शुरू की।
भारतीय वायुसेना (IAF) के विशेष विमान ने इन 283 भारतीयों को थाईलैंड के मेई सॉट (Mae Sot) शहर से भारत लाया। भारत सरकार ने पहले भी ऐसी घटनाओं पर सख्त कदम उठाए हैं, और इस बार भी तुरंत कार्रवाई कर भारतीय नागरिकों को बचाने में सफलता पाई।
MEA की चेतावनी: विदेश में नौकरी से पहले जांचें पूरी जानकारी
विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को आगाह किया है कि वे किसी भी विदेशी नौकरी को स्वीकार करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। MEA के बयान के अनुसार, "भारतीय नागरिकों को विदेश में नौकरी के ऑफर स्वीकार करने से पहले भारतीय दूतावासों और अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से कंपनी की पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए।"
सरकार ने पहले भी समय-समय पर एडवाइजरी और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भारतीय नागरिकों को इस प्रकार के फ्रॉड से बचने की चेतावनी दी है।
ऐसे काम करता है फर्जी जॉब रैकेट फर्जी नौकरी के विज्ञापन – सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी आईटी नौकरियों का प्रचार किया जाता है।
मजदूरी का लालच – उच्च वेतन और शानदार सुविधाओं का वादा कर लोगों को विदेश बुलाया जाता है।
धोखे से बंधुआ मजदूरी – एक बार म्यांमार पहुंचने के बाद, उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते हैं और उन्हें साइबर अपराध और अन्य अवैध कार्यों में जबरन शामिल किया जाता है।
बचने का कोई रास्ता नहीं – अगर कोई व्यक्ति इस काम से इनकार करता है, तो उन्हें धमकाया जाता है या शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं।
सरकार की सतर्कता और नागरिकों की सावधानी आवश्यक
म्यांमार में फर्जी जॉब स्कैम का यह मामला भारत के लिए एक चेतावनी है कि कैसे विदेशी अवसरों के नाम पर निर्दोष नागरिकों को ठगा जा सकता है। सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई और बचाव अभियान ने 283 भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने में मदद की, लेकिन यह घटना इस बात पर जोर देती है कि नागरिकों को विदेश में नौकरी के अवसरों को चुनते समय अत्यधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।