सांस्कृतिक विरासत का महासंगम,सदियों पुरानी परंपरा: मारवाड़ उत्सव

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समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक कला और वीरों की शौर्यगाथाएँ एक साथ मंच पर उतरेंगी। इस महोत्सव का हर रंग स्थानीय कला, शिल्प और परंपराओं के प्रति गहरा सम्मान दर्शाता है, जिसने देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करना शुरू कर दिया है। इतिहास और रंगीन परंपराओं की भूमि जोधपुर, जो 'नीला शहर' के नाम से विश्वविख्यात है, एक बार फिर अपने गौरवशाली अतीत को जीवंत कर उठा है। यहाँ दो दिवसीय मारवाड़ उत्सव 2025 का भव्य आगाज़ हो चुका है।

भव्य हेरिटेज वॉक
उत्सव में लोक नृत्य, मूंछ और साफा बांधने जैसी पारंपरिक प्रतियोगिताएँ, पतंगबाजी, और हस्तशिल्प मेला प्रमुख आकर्षण हैं। राजस्थान के शूरवीरों की याद में आयोजित होने वाला यह दो दिवसीय महोत्सव जोधपुर की लोककला, संगीत और परंपराओं को दर्शाता है। महोत्सव की शुरुआत एक भव्य हेरिटेज वॉक से हुई, जिसमें स्थानीय लोग, स्कूली छात्र और पर्यटक पारंपरिक वेशभूषा में उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

शाही वैभव और वास्तुकला
यह प्रतिष्ठित उत्सव जोधपुर शहर के कई ऐतिहासिक और प्रमुख स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिससे इसकी भव्यता और बढ़ जाती है। महोत्सव का आगाज घंटाघर (क्लॉक टॉवर) से हुआ, जहाँ से हेरिटेज वॉक शुरू होकर उम्मेद स्टेडियम तक पहुँची। अन्य कार्यक्रम मेहरानगढ़ किला और उम्मेद भवन पैलेस जैसे शाही स्थलों पर होंगे, जो आगंतुकों को राजस्थान के शाही वैभव और वास्तुकला की झलक प्रस्तुत करेंगे।

संस्कृति का जीवंत चित्रण
मारवाड़ उत्सव 6 और 7 अक्टूबर, 2025 को आयोजित किया जा रहा है। यह उत्सव प्रतिवर्ष हिंदू माह अश्विन की शरद पूर्णिमा के आस-पास आयोजित होता है, जब मौसम सुहावना होता है और चंद्रमा की रोशनी ऐतिहासिक किलों की सुंदरता को बढ़ा देती है। महोत्सव के पहले दिन, 6 अक्टूबर को, हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया, जिसने शहर की सड़कों पर राजस्थानी संस्कृति का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया।

सीमा सुरक्षा बल
इस आयोजन की शोभा सीमा सुरक्षा बल (BSF) के ऊँट दस्ते ने बढ़ाई। बीएसएफ के सहायक कमांडेंट घेवर राम ने कहा कि यह महोत्सव राजस्थान की परंपराओं का एक अभिन्न अंग है, और इसमें ऊँट दस्ते की सहभागिता गर्व की बात है। सजे-धजे ऊँटों के साथ जवानों ने हेरिटेज वॉक में हिस्सा लिया, जो शौर्य और संस्कृति के मिलन को दर्शाता है। इन आयोजनों को जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के सहयोग से सुचारु रूप से संपन्न किया जा रहा है।

ऊँट टैटू शो और सांस्कृतिक संध्याएँ
महोत्सव के दूसरे दिन भी कई रोमांचक कार्यक्रम जारी रहेंगे, जिनमें ऊँट टैटू शो और सांस्कृतिक संध्याएँ शामिल हैं। इन संध्याओं में स्थानीय कलाकार 'मांड' संगीत और कालबेलिया व घूमर जैसे लोक नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। ये प्रतियोगिताएँ और प्रदर्शन कला व संस्कृति को बढ़ावा देंगे तथा नई पीढ़ी को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेंगे।

सकारात्मक प्रभाव
मारवाड़ उत्सव का सीधा और सकारात्मक प्रभाव पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। यह महोत्सव न केवल देश के बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी बड़ी संख्या में आकर्षित करता है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। स्थानीय कलाकारों और हस्तशिल्पियों को अपनी कला और उत्पादों को प्रदर्शित करने का एक बड़ा मंच मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है और सदियों पुरानी कलाएँ जीवित रहती हैं

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