सोशल मीडिया के दुरुपयोग मामले में सशर्त जमानत: राजस्थान उच्च न्यायालय
राजस्थान उच्च न्यायालय
सोशल मीडिया के दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में हैरान कर देने वाला फैसला सुनाया है। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि युवक ने जानबूझकर फर्जी अकाउंट से महिला की फोटो वायरल कर उसके वैवाहिक जीवन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। ऐसे में बिना शर्त के जमानत उचित नहीं है। वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी को झूठे मामले में फंसाया गया है। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह अनोखा फैसला सुनाया।
सशर्त जमानत
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी युवक ने एक फेक अकाउंट बनाकर 23 वर्षीय विवाहित महिला की फोटो एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इस हरकत से महिला और उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। मामला अदालत तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान आरोपी ने जमानत की मांग की। राजस्थान उच्च न्यायालय से आरोपी युवक को सशर्त जमानत मिली, अदालत ने आदेश दिया कि पीड़िता की तस्वीरें तुरंत डिलीट की जाएं। और शर्त यह रखी गई कि वह अगले तीन साल तक किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करेगा।
जस्टिस अशोक जैन
सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक जैन ने साफ कहा कि युवक को जमानत तभी दी जाएगी, जब वह शर्तों का पालन करेगा। प्रमुख शर्त है कि वह तीन साल तक फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं करेगा। साथ ही, पीड़िता और उसके परिवार के साथ भी उसका कोई संपर्क नहीं होना चाहिए। अदालत ने युवक को आदेश दिया कि वह पीड़िता की सभी तस्वीरें और वीडियो तुरंत डिलीट करे। इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी को शपथ पत्र देकर साफ करना होगा कि उसके पास महिला की कोई भी तस्वीर या वीडियो अब मौजूद नहीं है। जस्टिस अशोक जैन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि युवक ने इन शर्तों का उल्लंघन किया, तो उसकी जमानत स्वतः रद्द हो जाएगी और उसे फिर से जेल जाना पड़ेगा।
























