हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन, हनुमान चालीसा विवाद: काशी
वाराणसी उत्तर प्रदेश
एक मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ बजाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क किनारे सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस घटना के तूल पकड़ने पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी गश्त शुरू कर दी है।
मदनपुर हनुमान मंदिर
विवाद वाराणसी के मदनपुर क्षेत्र स्थित एक हनुमान मंदिर में शुरू हुआ। मंदिर के पुजारी संजय प्रजापति द्वारा स्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ बजाने पर एक विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने कथित तौर पर आपत्ति जताई और पुजारी को धमकी दी। यह घटना धार्मिक आस्था से जुड़ा संवेदनशील मामला बन गई, जिससे स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा फैल गया।
वायरल वीडियो का संज्ञान
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला तेज़ी से तूल पकड़ गया। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए, हिंदू संगठनों से जुड़े लोग विरोध जताने के लिए जंगमबाड़ी मठ इलाके में एकत्र हुए। उन्होंने सड़क पर उतरकर सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया और प्रशासन को तुरंत सतर्क होना पड़ा।
एसीपी दशाश्वमेध, शुभम सिंह
वायरल वीडियो के आधार पर दोषी नजर आ रहे व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि क्षेत्र में किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए मंदिर के पास और संवेदनशील स्थानों पर पैदल गश्त हो रही है और सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित की जा रही है।
लाउडस्पीकर के उपयोग
इस घटना का मुख्य प्रभाव यह रहा कि काशी जैसे धार्मिक सौहार्द वाले शहर में धार्मिक आधार पर तनाव उत्पन्न हुआ। हिंदू संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान हो सकती है, तो मंदिरों में भी हनुमान चालीसा का पाठ उतनी ही तेज आवाज में होगा। यह मामला धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर चल रही बहस को फिर से सामने ले आया है।
शांति स्थापित
पुलिस द्वारा दोषियों की गिरफ्तारी और सुरक्षा कड़ी करने के बाद इलाके में शांति स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे और निष्पक्ष जांच जारी रहेगी। सामाजिक स्तर पर, यह घटना धार्मिक सहिष्णुता और सामुदायिक संवाद की आवश्यकता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
























