हिमाचल - मंडी से चंबा तक कुदरत का कहर सड़कें बंद, बिजली-पानी बाधित: मानसून की मार
हिमाचल में मानसून की मार
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी 'ऑरेंज अलर्ट' के बीच राज्य के कई भागों में आफत बनकर बरसी यह वर्षा लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रही है। चंबा जिले के भटियात क्षेत्र में भूस्खलन से गाड़ियां फंस गईं और लोगों ने भागकर जान बचाई, वहीं कई मकान भी इसकी चपेट में आ गए हैं।
चंबा जिले के कामला में भूस्खलन
चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के तहत कामला में भूस्खलन से एक बोलेरो गाड़ी सड़क के बीचोंबीच फंस गई, जिसमें सवार लोगों ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत मंगली के भोड़ास गांव में भी पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आ गए हैं।चुराह उपमंडल में तरेला-बौदेड़ी-मंगली और शिकारी मोड़-गनेड़-बिहाली मार्ग जैसे कई महत्वपूर्ण रास्ते बंद हो गए हैं।
मंडी से औट तक का हिस्सा लगातार भूस्खलन
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (NH-154) का मंडी से औट तक का हिस्सा लगातार भूस्खलन की चपेट में आ रहा है, जिससे यह मार्ग बेहद खतरनाक बन चुका है। सोमवार रात से जारी मूसलाधार बारिश के चलते बुधवार सुबह करीब 4 बजे 9 मील और कैंची मोड़ के पास फिर भूस्खलन हुआ, जिससे हाईवे पूरी तरह बंद हो गया। पंडोह पुलिस चौकी के प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि मशीनरी लगाकर लगभग चार घंटे बाद सुबह 8 बजे तक मार्ग को एकतरफा यातायात के लिए खोल दिया गया और फंसे हुए वाहनों को सुरक्षित निकाला गया।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज भी कई भागों में भारी बारिश का 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, और 31 जुलाई से 5 अगस्त तक कई क्षेत्रों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है। प्रशासन और पुलिस विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा करें और अनावश्यक जोखिम न उठाएं। पहाड़ी मार्गों पर यात्रा से बचने और केवल आवश्यक होने पर ही निकलने की सलाह दी गई है, ताकि इस चुनौतीपूर्ण मौसम में सभी सुरक्षित रह सकें।