हिमाचल में कुदरत का कहर:112 लोगों की मौत और 37 लापता
हिमाचल में अब तक ₹1,988 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे राज्य में हाहाकार मचा दिया है। बादलों के फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने सामान्य जीवन को पूरी तरह से रोक दिया है। सड़कों के बंद होने, बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित होने और बड़े पैमाने पर हुए जान-माल के नुकसान ने राज्य में संकट की स्थिति पैदा कर दी है।
आवागमन ठप आपातकालीन परिचालन
भारी बारिश के कारण राज्य में कुल 362 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, इनमें से सबसे अधिक 220 सड़कें मंडी जिले में और 91 सड़कें पड़ोसी कुल्लू जिले में अवरुद्ध हैं। कई इलाकों में तो सड़कें पूरी तरह से गायब हो गई हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भी मुश्किलें आ रही हैं।
बारिश की चेतावनी जारी
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रविवार को कुछ जगहों पर गरज के साथ भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है। वहीं, सोमवार से बुधवार तक राज्य के दो से चार जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' भी जारी किया गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर होने की आशंका है।
प्रमुख स्थानों पर बारिश
शनिवार को राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, लेकिन कुछ जगहों पर यह काफी अधिक रही। नैना देवी में 112.4 मिमी, पंडोह में 102 मिमी, रायपुर मैदान में 74.6 मिमी और नारकंडा में 66.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा, सुंदरनगर, मुरारी देवी और शिमला जैसे शहरों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ीं, जिसने हालात को और बिगाड़ दिया।
हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान
इस मॉनसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अब तक 112 लोगों की मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं में हो चुकी है, जबकि 37 लोग अभी भी लापता हैं। इसके अलावा, 704 बिजली के ट्रांसफार्मर और 178 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे बड़े इलाकों में बिजली और पानी की समस्या खड़ी हो गई है।
बादल फटने की घटनाएं
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से अब तक हिमाचल में 58 फ्लैश फ्लड, 30 बादल फटने और 53 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। यह आंकड़ा प्रकृति के प्रकोप की भयावहता को दर्शाता है और यह बताता है कि राज्य किस बड़े संकट से गुजर रहा है।
अर्थव्यवस्था पर गहरा असर
प्राकृतिक आपदा से राज्य को भारी आर्थिक क्षति भी हुई है। 20 जून से 9 अगस्त तक, हिमाचल प्रदेश को कुल ₹1,988 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस नुकसान ने राज्य के बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है।
मौसम विभाग
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जून से 9 अगस्त तक हिमाचल में सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। इस अतिरिक्त बारिश ने राज्य के संवेदनशील पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं को जन्म दिया है, जिससे मौजूदा संकट और भी गहरा हो गया है।
























