हेलमेट के बिना नहीं मिलेगा ईंधन की चेतावनी: मध्य प्रदेश
सड़क सुरक्षा
मध्य प्रदेश के भोपाल में जिला प्रशासन ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। आज, 1 अगस्त से, शहर के किसी भी पेट्रोल और सीएनजी पंप पर बिना हेलमेट पहने दुपहिया वाहन चालकों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह कदम जिले में बढ़ते सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रिटायर्ड जज अभय मनोहर सप्रे
भोपाल और इंदौर में सड़क सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज अभय मनोहर सप्रे के निर्देश के बाद यह आदेश जारी किया गया है। भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत यह आदेश जारी किया है, जो 29 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुपहिया वाहन चालक अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य समझें।
पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिए स्थिति मुश्किल
पेट्रोल पंप कर्मचारी नियमों का पालन कर रहे हैं और बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल नहीं दे रहे हैं। इस नए नियम के लागू होने के बाद पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिए स्थिति मुश्किल हो गई है। भोपाल के एक पेट्रोल पंप कर्मचारी, शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया, "ग्राहक हेलमेट आपस में एक-दूसरे से बदल रहे हैं। हम उनसे ऐसा न करने की अपील करते हैं, लेकिन वे हमसे बहस करते हैं।
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी पेट्रोल पंप संचालक इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे पेट्रोल पंप संचालकों पर नियम का सख्ती से पालन कराने का दबाव बढ़ गया है। वहीं, पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने भी ग्राहकों के संभावित गुस्से को देखते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की है।
इंदौर के महापौर की सिफारिश
इस आदेश का असर सिर्फ पेट्रोल पंप तक ही सीमित नहीं है। इंदौर के महापौर की सिफारिश के बाद, यह नियम सरकारी दफ्तरों में भी लागू कर दिया गया है। अब बिना हेलमेट पहने किसी भी दुपहिया वाहन चालक को सरकारी दफ्तरों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह कदम दर्शाता है कि सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है और इसे हर स्तर पर लागू करना चाहती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुपहिया वाहन चालक अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य समझें।
जनता की प्रतिक्रिया
इस आदेश को लेकर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। एक तरफ जहाँ कुछ लोग इसे एक अच्छा और आवश्यक कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे असुविधाजनक और अव्यवहारिक बता रहे हैं। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि यह सख्ती हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा देगी और दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर लगाम लगाएगी।